नपाध्यक्ष श्री कोटवानी के प्रयासों से आवेदकों का बरसों का इंतेजार खत्म होगा।
-12 व 13 सितंबर को 513 प्रकरणों के नामांतरणकर्ताओं को प्रत्यक्ष बुलाकर दिए जाएंगे प्रमाण पत्र
-दूसरे चरण में अतिशीघ्र 1 हजार नए मामलों को पीआईसी बैठक में रखेंगे।
-सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगा कार्यक्रम
मंदसौर। नगरपालिका अध्यक्ष श्री राम कोटवानी की जीरो टॉलरेंस नीति से सैकड़ों लोगों का नामांतरण कराने संबंधी बरसों का लंबा इंतजार खत्म हुआ है। 12 व 13 सितंबर को कुल 513 प्रकरणों के नामांतरणकर्ताओं को प्रत्यक्ष बुलाकर प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। इनमें नामांतरण प्रमाण पत्र, लीज अवधि और किराया अवधि वृद्ध के पत्र सौंपे जाएंगे। प्रक्रिया केवल यहीं पर नहीं थमने वाली, दूसरे चरण में शीघ्र ही 1 हजार नए मामलों को पीआईसी की बैठक में स्वीकृति के लिए भी रखा जाएगा। खास बात ये है कि कोविड-19 के नियमों का पालन कर इन सभी लोगों को एक समय निर्धारित कर प्रत्यक्ष बुलाया जाएगा और संख्या आधर पर तय कक्षों के मान से प्रमाण पत्र वितरण होंगे। सबकुछ पूरी पारदर्शिता से होगा, जिसकी जनता खुद अपेक्षा भी करती है।
नपाध्यक्ष श्री कोटवानी ने बताया 1 जून 2020, 6 जून 2020, 14 जुलाई 2020 को पीआईसी की बैठकों में नामांतरण प्रकरणों पर स्वीकृति दी गई थी। ये नामांतरण मामले पूरी प्राथमिकता के साथ 7 सितंबर 2020 को हुए नपा के विशेष सम्मेलन में स्वीकृत भी कर दिए गए, इसी के साथ सैकड़ों लोगों का लंबा इंतजार भी खत्म किया। इन सभी नामांतरणकर्ताओं को अतिशीघ्र 12 व 13 सितंबर को समारोह कर प्रत्यक्ष बुलाकर प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। कोविड-19 के नियमों का पालन कर संख्यात्मक दृष्टि से सभी को अलग-अलग कमरे में व समय निर्धारित कर सूचना दी जाएगी। इसी आयोजन के जरिए वर्षों से इंतजार कर रहे लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर नामांतरण प्रमाण पत्र, लीज अवधि और किराया अवधि वृद्ध के पत्र सौंपे जाएंगे। नपा के सभी कामकाज में जीरो टोलरेंस नीति को विस्तार देने पर लंबे समय से काम चल रहा है जिसे निरंतर जारी भी रखा जाएगा।
-अतिशीघ्र करीब एक हजार मामलों को पीआईसी में स्वीकृति पर भी काम होगा
दूसरे चरण को लेकर नपाध्यक्ष श्री कोटवानी ने बताया अतिशीघ्र फिर से पीआईसी बैठक में करीब एक हजार नामांतरण प्रकरण स्वीकृति के लिए रखे जाने की कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए भी जल्द तारीख तय कर करेंगे। मकसद यही है कि वर्षों से लंबित नामांतरण प्रकरणों का निपटारा हो और जनता को राहत मिले।
-कांग्रेस सरकार में नियम विपरित काम हुए, जनता को आई परेशानी
इससे पहले कांग्रेस सरकार ने अध्यक्ष पद रिक्त होने पर पहले डिप्टी कलेक्टर को चार्ज दिया और फिर छह माह बाद नियम विरुद्ध अलोकतांत्रिक तरीके से अल्पमत के बावजूद कांग्रेस पार्षद को नपाध्यक्ष पद पर बैठा दिया। इस दौरान जनता के काम अटके रहे, पैंडेंसी संख्या भी काफी बढ़ी। भाजपा पार्षदों द्वारा दबाव बनाए जाने, जनता के हितों का हवाला देकर एवं तत्कालीन जिम्मेदारों को संज्ञान करवाकर 700 प्रकरणों को पास करवाया, जिससे जनता को राहत मिल सकी।
इतना ही नहीं नपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद से ही श्री कोटवानी ने जनता के कामों को प्राथमिकता से पूरा करने और जीरो टॉलरेंस वाली नीति रखकर काम को गति दी। जिसे जनता द्वारा भी सराहा जा रहा है।